अरुणाचल प्रदेश : अरुणाचल प्रदेश में चीनी कब्जे का दावा:2 साल में भारतीय सीमा में 6 किलोमीटर अंदर 60 इमारतें बनाईं, सैटेलाइट इमेज से खुलासा

अरुणाचल प्रदेश : विस्तारवादी चीन ने फिर भारतीय सीमा से सटे इलाकों में कब्जा करना शुरू कर दिया है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, नई सैटेलाइट इमेज से अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक और एन्क्लेव बनाने का खुलासा हुआ है। इसमें करीब 60 इमारतें होने का दावा किया जा रहा है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 से पहले इस जमीन पर एक भी इमारत नहीं थी और 2021 में 60 इमारतें बन गईं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2019 से पहले इस जमीन पर एक भी इमारत नहीं थी और 2021 में 60 इमारतें बन गईं।

NDTV ने अमेरिकी सैटेलाइट कंपनी मैक्सर टैक्नोलॉजी की तरफ से जारी इमेज के आधार पर अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। इसके मुताबिक 2019 तक इस इलाके में एक भी एन्क्लेव नहीं था, लेकिन दो साल बाद ही चीन ने कब्जा कर निर्माण कर दिया। कुछ दिन पहले भी अरुणाचल के एक हिस्से में चीनी सेना के कब्जे की जानकारी सामने आई थी। रिपोर्ट के मुताबिक नई 60 इमारतें पुराने कब्जे से 93 किलोमीटर दूर हैं।

चीन की एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी एन्क्लेव को नियांगची के क्यूंगलिंग का हिस्सा बताया है।
चीन की एजेंसी शिन्हुआ ने चीनी एन्क्लेव को नियांगची के क्यूंगलिंग का हिस्सा बताया है।

रिपोर्ट के मुताबिक नया एन्क्लेव भारतीय सीमा के 6 किलोमीटर अंदर है। यह इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बीच है। भारत हमेशा इस इलाके के भारतीय सीमा में होने का दावा करता रहा है। NDTV ने रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन के नए एन्क्लेव की लोकेशन भारत सरकार की ऑनलाइन मैप सर्विस Bharatmaps पर भी देखी जा सकती है। इसे सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया की निगरानी में तैयार किया जाता है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस बारे में जब भारतीय सेना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह इलाका LAC के उत्तर में है।

चीन पड़ोसी देश भूटान की सीमा में भी घुसपैठ कर चुका है। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने बॉर्डर से लगे भूटान में करीब 25 हजार एकड़ क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं, चीन ने वहां 4 गांव भी बसा दिए हैं।

चीनी सैन्य विकास पर एक वैश्विक शोधकर्ता @detresfa ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए ये नया खुलासा किया है। इन तस्वीरों में साफ तौर पर चीनी गांव देखे जा सकते हैं। भूटान और चीन के बीच इस जमीन को लेकर पुराना विवाद है। दोनों देशों का दावा है कि ये जमीन उनकी है।

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