कोलकाता यातायात पुलिस के जवान प्रकाश घोष की एक अनोखी लगन को कोलकाता पुलिस अधिकारियों ने सराहा है। जैसा कि तश्वीर में स्पष्ट है, कि एक बच्चा पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई कर रहा है और सामने पुलिसकर्मी प्रकाश घोष है। जब भी घोष जी बालीगंज आईटीआई के पास ड्यूटी पर होते थे, अक्सर सड़क पर खेलते हुए लगभग 8 साल के एक छोटे से लड़के को देखते थे।
लड़के की मां सड़क किनारे होटल में काम करती है। और अपने बेटे के बेहतर भविष्य के लिए दिन रात मेहनत करती है। मां और बेटे के पास घर नहीं है, वे दोनों फुटपाथ पर रहते हैं, लेकिन मां को उम्मीद है कि उनका बेटा पढ़ लिखकर एक दिन इस परिस्थिति को जरूर बदलेगा।
प्रकाश घोष को जब इसके बारे में पता चला तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने फैसला किया कि उनसे जितना बन पाएगा वह इन दोनों की मदद करेंगे। उस दिन के बाद से आज तक जब भी कभी प्रकाश घोष की ड्यूटी उस जगह लगाई जाती है, उस दिन वह उस बच्चे को पढ़ाते भी हैं, साथ ही ट्रैफिक की निगरानी भी करते हैं।
कई बार तो अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद भी, वह उसे पढ़ाते हैं। बच्चे का टीचर बनकर घोष, उसे होमवर्क देते हैं, और वापस उसे चेक करते हैं। उस बच्चे की मां कहती हैं कि जब से उनके बच्चे को नया ‘टीचर’ मिला है, तब से उसमें काफी सुधार है । यातायात पुलिसकर्मी प्रकाश घोष को पूरा पुलिस विभाग तहे दिल से सलाम करता है और बच्चे के उज्जवल भविष्य की कामना करता है ।