उत्तर प्रदेश में पिछले एक महीने में प्रयागराज (Prayagraj) में जहां 17 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं तो वहीं थाने में रिपोर्ट लिखवाने के लिए आई दुष्कर्म पीडि़ता से इंस्पेक्टर के दुष्कर्म करने सनसनीखेज घटना ने सभी को चौंका दिया है। बता दें कि, इस मामले में मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission) ने डीजीपी (DGP) और मुख्य सचिव (Chief Secretary) को नोटिस जारी किया है। दरअसल, ललितपुर (Lalitpur) के पाली थाने में इंस्पेक्टर द्वारा किशोरी से दुष्कर्म की तरह ही इस जिले के महरौनी थाना पुलिस (Mehrauni Police Station) ने भी खाकी पर दाग लगाए।
आरोप है कि सिपाही अंशू पटेल (Constable Anshu Patel) और उपनिरीक्षक पारुल चंदेल (SI Parul Chandel) ने चोरी के शक में अंशू के घर काम करने वाली सहायिका को पहले घर में निर्वस्त्र कर पीटा। फिर थाने में लाकर उत्पीड़न किया। आपको बता दें कि, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र (Chief Secretary Durga Shankar Mishra) और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल (DGP Mukul Goel) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में पूरी रिपोर्ट मांगी है। मानवाधिकार आयोग की ओर से शनिवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि रिपोर्ट के मुताबिक, ललितपुर के महरौनी थाने में पुलिसकर्मियों ने घर में चोरी करने के शक पर महिला का हद दर्जे का उत्पीड़न किया और उसे बेहरमी से बेल्ट से पीटा गया।
जानकारी के मुताबिक, आयोग ने नोटिस (Notice) में दो मई की घटना का उल्लेख किया है कि पुलिसकर्मी ने महिला पुलिस अफसर के साथ पहले घर में महिला को निर्वस्त्र कर पीटा। पानी की बौछारें छोड़ने के साथ उसे करंट लगाया गया, ताकि वह चोरी के आरोप स्वीकार कर ले। उसके बाद थाने लाकर मारपीट की गई। फिर उसका पति से विवाद बताकर शांति भंग में कार्रवाई कर दी गई। साथ ही आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी (DGP) से पूछा है कि आरोपितों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई और पीड़िता को राहत देने के संबंध में क्या कदम उठाए गए? इस संबंध में पूरी रिपोर्ट चार सप्ताह में उपलब्ध कराने के लिए कहा है। चंदौली (Chandauli) और ललितपुर (Lalitpur) की घटना को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रदेशभर में प्रदर्शन किया। दोनों घटनाओं की सीबीआई (CBI) जांच की मांग करते हुए सभी जिलों में जिलाधिकारी (DM) को मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। बता दें पार्टी की ओर से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में हो रही ऐसी घटनाओं पर शांत नहीं बैठ सकते।
ललितपुर में सीधे-सीधे अपराध में शामिल पुलिस (Police) वालों की जांच खुद पुलिस वाले करेंगे तो न्याय मिलने में संदेह है। दोनों घटनाओं की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई (CBI) से कराई जानी चाहिए। प्रयागराज (Prayagraj) की घटना का भी नेताओं ने जिक्र किया। कहा कि दो-दो परिवार सामूहिक हत्याकांड के शिकार हो गए।