उत्तर प्रदेश (up news) के प्रयागराज (Prayagraj news) से खबर है, जहां एक CBSE स्कूल में छोटे-छोटे बच्चों को ईद के मौके पर इस्लामी पोशाक पहन कर वीडियो बनाने को कहा गया। आदेश में ये भी साफ कहा गया कि ईद मुबारक कहते हुए लड़कों को सलवार कुर्ते के साथ ईद वाली टोपी पहननी और लड़कियों को सलवार कुर्ते के साथ दुपट्टा लेना अनिवार्य है। इस एक्टिविटी के नंबर वार्षिक परीक्षा में भी जोड़े जाएंगे।
आपको बता दें कि, ये एक्टिविटी 2 मई के लिए निर्धारित की गई थी। लेकिन अभिभावकों को जब इसकी खबर हुई तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। दूसरी ओर हिंदू संगठनों को इसका पता चला तो स्कूल और स्कूल की प्रिंसिपल का विरोध शुरू हो गया। विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जनजागृति समिति जैसे संगठनों ने मामले के संबंध में शिकायत दी।
इसे धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बताया। संगठनों ने कहा कि इस तरह के निर्देश देना कि अगर को विद्यार्थी इस एक्टिविटी का हिस्सा नहीं बनता तो उसके फाइनल एग्जाम में नंबर नहीं मिलेंगे, एक तरह का मानसिक धर्मांतरण है। बता दें कि इस एक्टिविटी के कारण शुरू हुए विवाद पर बुशरा मुस्तफा का बयान आया है।
उन्होंने हिंदू त्योहारों पर कराई जाने वाली एक्टिविटीज का हवाला देकर कहा कि जैसे दशहरा, दीवाली, 15 अगस्त, 26 अगस्त पर गतिविधियाँ होती हैं। वैसे ही ईद पर भी बच्चों को करने को कहा गया। ये अनिवार्य नहीं है। जो अभिभावक इससे सहमत नहीं हैं वो अपने बच्चे को विद्यालय से हटा सकते हैं। ये गतिविधियाँ छात्रों में आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए कराई जाती हैं।